मां की ममता बिन सब सूना ,
माँ की डांट में प्यार है दूना ,
माँ होती है प्यार का सागर ,
बचपन के सपनो की गागर।
माँ से हो मीठी तकरार,
थोडा गुस्सा,ढेर दुलार,
माँ के आंसू की बूंदों में ,
कही अनकही सारी बातें ,
जीवन की हर ऊँच नीच की,
मौन समाहित बीती यादें।
माँ के आँचल में होता है,
आशीषों का एक खजाना,
इश्वर के समतुल्य हो माँ तुम,
तीनो लोकों ये ने माना।
हुए बड़े दिन तुमको देखे,
सुने कहानी अंखियाँ मींचे,
सपने में तुम रोज हो आती,
प्यार से मुझको सुबह जगाती,
पानी लायी हूँ मूंह धो लो,
उठो लाल अब आंखे खोलो...
लाल उठा और आँखे खोली,
माँ बिन कितनी रातें सो ली।
सुंदर घर का प्यारा कोना,
माँ की गोद में सर रख सोना,
पाखी ने अनमन यह सोचा,
याद जो आई रुला गयी...
माँ तुम मुझको ख़त मत लिखना ,
मुझको ख़त से मत बहलाना,
मुझसे दूर कभी न रहना,
मुझसे दूर कभी न जाना,
मुझसे दूर कभी न रहना,
मुझसे दूर कभी न जाना....